बृहस्पति ग्रह का रत्न —
पुखराज पीले रंग का एक बेहद खूबसूरत रत्न है और बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। ज्योतिषीय सलाह अनुसार इस रत्न को धारण करने पर जीवन में कई लाभ मिलते हैं लेकिन इसे धारण करने से पूर्व किसी अनुभवी ज्योतिषी द्वारा अपनी जन्मी कुंडली का निरीक्षण करवा लेना चाहिए।पुखराज दिलाता है ये लाभ —
कुंडली का विश्लेषण करवा लेने के बाद पुखराज रत्न धारण करने पर जातक या जातिका को अपने जीवन में सकारात्मक परिणाम मिलना शुरू हो जाते हैं। इस रत्न को धारण करने पर मुख्य तौर पर आर्थिक परेशानियों का समाधान होना शुरू होता है और नौकरी व व्यापार में भी तरक्की की राह खुलने लगती है।समाज व कार्यक्षेत्र में मान—सम्मान की बढोतरी होती है। पुखराज रत्न से इंसान की कुंडली में गुरू शुभ व मजबूत होता है जिससे गुरू के शुभ परिणामों में वृद्वि होती है। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को पुत्र व पति का कारक माना है इसलिए जिन कन्याओं के विवाह में देरी हो रही है और जिन दंपत्तियों को पुत्र रत्न की प्राप्ति नहीं हुई है वे लोग कुंडली दिखवाने के बाद पुखराज रत्न धारण कर सकते हैं जिससे इन समस्याओं का शीघ्र समाधान होने लगता है।इस विधि से धारण करें पुखराज —
पुखराज रत्न को विधिपूर्वक ही धारण करना चाहिए तभी शुभ प्रभाव मिलते हैं। पुखराज को शुक्ल पक्ष के गुरूवार को सुबह धारण करना श्रेष्ठ है। इससे पूर्व इस रत्न को दूध,गंगाजल,शहद,दही आदि के घोल में रखकर अभिमंत्रित कर लेना चाहिए। उसके बाद अगरबत्ती या दीपक के उपर घुमाकर इसे भगवान विष्णु की प्रतिमा के चरणों में स्पर्श करा कर तर्जनी अंगूली में धारण करना चाहिए और ओम बृं बृहस्पतये नम: मंत्र का 108 बार भी जाप करना चाहिए।भाग्य में वृद्वि —
नौ ग्रहों में बृहस्पति को बेहद शुभ व मजबूत माना है और यह शुभ होने पर इंसान के जीवन में बडे परिवर्तन लाता है। शुभ बृहस्पति जीवन में सुख,सौभाग्य व शांति में बढोतरी करती है। सही समय पर पुखराज धारण करने पर इंसान के भाग्य में भी वृद्वि होती है।यह रत्न शरीर के संपर्क में आने पर जातक या जातिका के मन में सकारात्मक सोच प्रदान करता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं।स्वास्थ्य में भी लाभ —
पुखराज इंसान के स्वास्थ्य में भी लाभ पहुंचाता है और इसे विधिपूर्वक पहनने पर शरीर में पाचन तंत्र ठीक तरह से कार्य करता है और अल्सर, पीलिया जैसे घातक बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। इन बातों का भी रखें विशेष ध्यान — पुखराज को अनुभवी ज्योतिषी की सलाह के बाद गुरू की महादशा,अंतरदशा या प्रत्यंतरदशा में धारण किया जा सकता है लेकिन इस रत्न को पहनने से पहले इसकी गुणवत्ता,वजन व रंग की सही जांच कर लेनी चाहिए तभी भविष्य में शुभ परिणाम मिलते हैं अन्यथा इन चीजों का ध्यान नहीं रखने और नकली रत्न धारण कर लेने पर समय व धन की हानि होती है और विपरीत परिणाम भी मिलते हैं। ज्योतिष व वास्तु संबंधित अधिक जानकारी के लिए पंडित पवन कौशिक से संपर्क करें: +91-9990176000