आधुनिक समय में पति—पत्नी के बीच वेवजह झगडे,मनमुटाव के मामले ज्यादा होते हैं। इस रिश्ते में तनाव को खत्म करना बहुत जरूरी है अन्यथा बडी परेशानियों का सामना करना पड जाता है। ज्योतिष से जानिये कि आखिर किन कारणों से पति—पत्नी के बीच ऐसी स्थितियां बनती हैं और क्या समाधान है।
क्लेश व तनाव के ये हैं ज्योतिषीय कारण —
- पति-पत्नी के बीच रिश्तों में दरार का कारण दोनों की कुंडलियों में ग्रहों की अनुकूल स्थिति नहीं होना है।
- दोनों की कुंडली में यदि ग्रह अशुभ प्रभाव दे रहे हो या कमजोर स्थिति में है तो मनमुटाव और लडाई—हिंसा तक मामला पहुंच जाता है।
- पति की कुंडली में शुक्र और पत्नी की कुंडली में बृहस्पति के अशुभ प्रभाव,कमजोर होने से ऐसी स्थितियां बनती हैं।
- पति या पत्नी के ग्रह गोचर में अगर किसी पर शनि की साढ़े साती,ढैय्या चल रही है तो भी दोनों के बीच वेवजह क्लेश होते हैं।
- कुंडली में सप्तम भाव वैवाहिक जीवन से संबंधित है और अगर इस भाव पर किसी पाप ग्रह की दृष्टि पडती है तो कलह होती है।
- कुंडलियों में शुक्र ग्रह मजबूत होने पर वेवहज खर्च होने के कारण धन को लेकर दोनों में विवाद होता है।
- किसी की कुंडली में मांगलिक दोष बनने पर तनाव व हिंसा की परिस्थितियां बनती है।
तनाव दूर करने के उपाय — पति—पत्नी को ज्योतिष के कुछ असरदार उपायों को करना चाहिए ताकि गृह क्लेश से छुटकारा मिल सके और वैवाहिक जीवन में पुन: प्रेम व विश्वास का संचार हो।
- घर के मंदिर में भगवान राम व सीता की मूर्ति या तस्वीर विधिवत स्थापित कर प्रतिदिन पूजा अर्चना करनी चाहिए और रोज सुबह घी का दीपक भी जलाना चाहिए जिससे सकारात्मकता का अनुभव होगा।
- मंगल ग्रह या मांगलिक दोष की शांति के लिए मंगलवार को हनुमान जी की विशेष पूजा अर्चना एक अचूक उपाय है। इस दौरान हनुमान जी को हलवे का प्रसाद चढाने व संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ करने का भी महत्व है।
- भगवान गणेश की पूजा उपासना व हर बुधवार को लड्डू का प्रसाद चढाने पर वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है।
- पति पत्नी की कुंडली में जिन ग्रहों के दोष की वजह से समस्याएं आती हैं उन ग्रहों के ज्योतिष अनुसार उपाय और पूजा पाठ,दान करने से भी बडी राहत मिलती है।
कुंडली व ज्योतिष संबंधित अधिक जानकारी के लिए पंडित पवन कौशिक से संपर्क करें: +91-9990176000