पौराणिक धर्म ग्रंथों में रुद्राक्ष के महत्व का वर्णन है। पृथ्वी पर रूद्राक्ष कई प्रकार का पाया जाता है जिन्हें धारण करने पर विशेष लाभ मिलते हैं। रुद्राक्ष को भगवान शिव का वरदान माना है। रुद्राक्ष या इसकी बनी हुई माला धारण करने पर व्यक्ति के चारों ओर सुरक्षा का कवच तैयार हो जाता है जिससे विषम परिस्थितियों में रक्षा होती है।
जानिये, रूद्राक्ष में क्या चमत्कारिक शक्ति है और किस तरह उपयोग कर बेहद सकारात्मक परिणाम हासिल किए जा सकते है।
रूद्राक्ष में विशेष गुण — रूद्राक्ष में चुम्बकीय और विद्युत ऊर्जा मौजूद होती है जिससे स्वास्थ्य को लाभ मिलता है और रोगों से बचाव होता है। वैज्ञानिक मान्यता अनुसार रुद्राक्ष में ऐंटी ऐजिंग गुण होते है। रूद्राक्ष को सोने, चांदी या काॅपर के साथ पहना जा सकता है जिससे रुद्राक्ष के चुंबकीय व विद्युतीय गुण बढ जाते हैं।
इस तरह करें धारण — रुद्राक्ष को शुक्ल पक्ष में सोमवार या गुरूवार को पहनना चाहिये। इस दौरान धारण करने से पहले रूद्राक्ष को दूध, दही,घी, गंगाजल आदि में मिलाकर साफ व शुद्व जरूर कर लेना चाहिये और मंत्र जाप के बाद धूप-दीप दिखाने के बाद पहन लेना चाहिए।
- हिन्दू धर्म में रुद्राक्ष को विशेष दर्जा मिला है। मान्यता अनुसार रूद्राक्ष के दर्शन, जाप और धारण करने पर सुख—शांति और तरक्की मिलती है।
- रूद्राक्ष एक से लेकर चौदह मुखी तक पाएं जाते हैं जिनमें एक मुखी रुद्राक्ष को बहुत शुभ और चमत्कारी माना है। इसे धारण करने पर भगवान शिव की विशेष कृपा होती है जिससे समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हेाती है।
- रत्नों की अपेक्षा रूद्राक्ष को धारण करना आसान होता है और कोई भी व्यक्ति रूद्राक्ष को धारण कर सकता है।
- एक बार रुद्राक्ष धारण करने के बाद इसकी समय—समय पर सफाई करना जरूरी है और इसमें मौजूद धूल और मिटटी को हटा देना चाहिए। रुद्राक्ष को कभी—कभी तेल से भी धोना चाहिये तभी इसके चमत्कारिक गुण प्रभाव डालते हैं।
- रुद्राक्ष को धारण करने पर व्यक्ति के चेहरे पर विशेष तेज आता है जिससे व्यक्तित्व निखरता है। इसके अलावा शारीरिक स्वास्थ्य लाभ के साथ ही बुद्वि भी तीक्ष्ण बनती है।
- कई प्रमुख रोगों का उपचार भी रुद्राक्ष थैरेपी के जरिए ही किया जाता है। शरीर के अलग—अलग रोगों को दूर करने में विभिन्न रूद्राक्षों को धारण करने का महत्व है।
रूद्राक्ष में औषधीय गुण मौजूद रहते हैं इसलिए हृदय रोग,ब्लड प्रेशर आदि में इसे धारण करना विशेष राहत प्रदान करने वाला माना है। रूद्राक्ष से मन मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हमेशा बना रहता है जिससे नकारात्मकता का भी नाश होता है।