घर की सुख—समृद्धि के लिए वास्तु नियम अनुसार गार्डन होना आवश्यक है जिससे घर की नकारात्मकता दूर होती है और वातावरण में भी स्वच्छ व ताजा हवा का संचार होता है और परिवार के सदस्यों की सेहत भी अच्छी रहती है।
जानिये, घर में हमेशा शुभ परिणामों की प्राप्ति के लिए किस तरह गार्डन से जुडे वास्तु नियमों का पालन किया जाए।
उत्तर या पश्चिम दिशा में हो गार्डन — वास्तु शास्त्र के नियम अनुसार घर की उत्तर या पश्चिम दिशा में गार्ड बनवाया जाना श्रेष्ठ है। इन दिशाओं में गार्डन होने से शुभता व सकारात्मकता का हमेशा संचार होता है।
गार्डन में कांटेदार पौधों को नहीं लगाएं — घर के गार्डन में कभी भूलकर भी कांटेदार पौधे नहीं लगाने चाहिए। इन पौधों से वास्तुदोष बनने पर नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जिससे घर की सुख—शांति भी प्रभावित होती है।
गार्डन में विशाल वृक्ष नहीं लगाने चाहिए क्यों कि इनकी वजह से घर में सूर्य की रोशनी व ताजा हवा नहीं आती है। गार्डन में कभी पीपल और बरगद के पेड़ भी नहीं लगाने चाहिए। इन पेड की जडों से घर की नींव कमजोर होने का खतरा होता है।
इस नियमों का रखें विशेष ध्यान — वास्तु नियम अनुसार सकारात्मक ऊर्जा हमेशा पूर्व दिशा से पश्चिम की ओर, उत्तर दिशा से दक्षिण की ओर एवं पूर्वोत्तर से दक्षिण-पश्चिम के नैऋत्य कोण की ओर प्रवाहित होती हैं। इसलिए गार्डन में पूर्व एवं उत्तर दिशा की तरफ छोटे व कम घने पेड़- पौधे लगानी की मान्यता है जिससे आसानी से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके
ये पौधे परिवार सदस्यों के लिए है लाभकारी — घर में गार्डन में कुछ पेड—पौधों को लगाना बहुत शुभ माना गया है जिससे घर में दुर्भाग्य दूर होता है और सपन्नता भी आती है।
- गार्डन में तुलसी के पौधे को अवश्य लगाना चाहिए और साथ में औषधीय पौधे जैसे पुदीना, धनिया, सौंफ, हलदी, अदरक के पौधे भी लगाए जा सकते हैं जिससे हमेशा परिवार के सदस्यों की सेहत भी स्वस्थ रहेगी।
- गार्डन में जो पेड,पौधें सुख चुके हैं उन्हें तुरंत हटा देना चाहिए अन्यथा सूखे पेड—पौधों से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होने पर परिवार के सदस्यों की सेहत पर विपरीत प्रभाव पडता है।
इस प्रकार गार्डन से संबंधित वास्तु नियमों का पालन कर घर में हमेशा सुख—समृद्वि का वास बना रह पाएगा और परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी उत्तम रहेगा।