हिन्दू धर्म में दीपावली एक महत्वपूर्ण बडा त्यौहार है। हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को भगवान गणेश व देवी लक्ष्मी जी की पूजा व दीपक जलाकर खुशी के साथ दीपावली मनाई जाती है। सकारात्मकता के इस पर्व के साथ पौराणिक, वैज्ञानिक और ज्योतिषीय मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।
दीपावली शुभ मुहूर्त 2019
तिथि व वार | रविवार, 27 अक्टूबर 2019 |
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त | 18:44:04 से 20:14:27 तक |
प्रदोष काल | 17:40:34 से 20:14:27 तक |
वृषभ काल | 18:44:04 से 20:39:54 तक |
महानिशीथ काल पूजा मुहूर्त | 23:39:37 से 24:30:54 तक |
जानें, विस्तृत रूप से इस त्यौहार के बारे में –
पौराणिक महत्व – पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार जब भगवान श्रीराम रावण का वध करने के बाद अपनी पत्नी सीता व छोटे भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या में वापिस लौटे थे तो नगरवासियों ने उनके आने की खुशी में घर-घर दीपक जलाए थे। तब से इस खुशी में हर वर्ष इस विशेष दिन दीपक जलाये जाते हैं इसलिए इसे दीपोत्सव भी कहा जाता है।
दीपावली का ज्योतिषीय महत्व – इस त्यौहार का ज्योतिष में भी महत्व है। दीपावली से ठीक पहले धनतेरस आती है और इस दिन चांदी की वस्तुएं खरीदना ज्योतिष नजरिये से बेहद शुभ माना है। दीपावली पर ग्रहों की स्थिति शुभ और उत्तम फल देने वाली होती है।
वैज्ञानिक कारण – दीपावली का वैज्ञानिक महत्व जुडा हुआ है। दीपावली से पहले बारिश का त्यौहार जाता है और सर्दी का समय आता है। बारिश के कारण घर,कार्यालय का रंग रोगन फीका पड जाता है इसलिए दीपावली पर रंग—पुताई करवाई जाती है। बारिश की वजह से पानी का ठहराव होने पर मच्छर पनप जाते हैं इसलिए साफ—सफाई कर गंदगी दूर की जाती है जिससे परिवार के सदस्य बीमारियों से दूर रह कर स्वस्थ बने रहते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
लक्ष्मी पूजन विधि – दीपावली पर देवी लक्ष्मी व भगवान गणेश की एक साथ शुभ मुहूर्त में पूजा का विशेष महत्व है। विधि विधान से पूजन करने से माता महालक्ष्मी की विशेष कृपा होती है और घर में सुख—समृद्वि बनी रहती है। दीपावली पर लक्ष्मी पूजन से पहले घर में शुद्वता व पवित्रता के लिए गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। इसके बाद शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल पर एक चौकी रख कर उस पर लाल कपड़ा बिछाने के बाद देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति या दीवार पर चित्र लगाना चाहिए और चौकी के पास जल से भरा एक कलश रखना चाहिए।
इसके बाद लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति पर तिलक लगाकर चावल, फल, गुड़, हल्दी आदि पूजा सामग्री व मिष्ठान भेंट करने चाहिए। इस दौरान देवी सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु और कुबेर देवता व घर के देवी—देवताओं की भी विधिपूर्वक पूजा अराधना करनी चाहिए। पूजन के पश्चात लक्ष्मी के श्री सूक्त व कनकधारा स्त्रोत का पाठ करने का महत्व होता है। बाद में तिजोरी, बहीखाते आदि प्रमुख वस्तुओं का पूजन भी करना चाहिए।
सुख— समृद्वि व सकारात्मकता का त्यौहार – दीपावली त्यौहार खुशियां लेकर आता है। साफ—सफाई व सजावट के बाद सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। दीपावली के दिन लोग नए वस्त्र धारण कर अच्छा महसूस करते हैं और एक—दूसरे से मिलकर व मिठाई बांट कर खुशहाली व सुख—समृद्वि की कामना करते हैं।