घर का वास्तुशास्त्र हर चीज को प्रभावित करता है। अगर घर में वास्तुदोष हैं तो नकारात्मकता का प्रभाव बढ जाता है जिससे शांति-समृद्वि घर से चली जाती है।घर में वास्तुदोष के प्रभाव को संकेतों से पहचाना जा सकता है और समय पर उपाय कर इनका समाधान कर सकते हैं।
घर में मौजूद हर वस्तु में ऊर्जा – वास्तु विज्ञान के अनुसार घर में मौजूद छोटी से छोटी वस्तु में ऊर्जा होती है।कुछ वस्तुएं जहां सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित करती हैं तो कुछ नकारात्मक ऊर्जा देती हैं।
पैसे की तंगी – वास्तुशास्त्र में घर का मुख्य दरवाजा महत्वपूर्ण माना है।मुख्य गेट में वास्तुदोष बनता है तो सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है जिससे घर में पैसे की तंगी आने लगती है इसलिए मुख्य दरवाजे का वास्तु अनुसार होना चाहिए और दरवाजे के बाहर शुभ चिन्ह आदि लगाकर दोष को दूर कर सकते हैं।
स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव – घर में ईशान कोण का महत्व है। इस दिशा में वास्तु का ध्यान रखे जाने पर देवी-देवताओं की कृपा मिलती है और दोष होने पर स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पडता है इसलिए इस दिशा में वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
आय से अधिक खर्चा – जब परिवार के सदस्यों का आय से अधिक खर्चा होने लगे तो इसे भी वास्तु दोष का संकेत माना है।इस दोष की वजह घर की उत्तर दिशा में गंदगी व अव्यवस्था होती है इसलिए इस दिशा में हमेशा साफ-सफाई रखनी चाहिए।
घर की पूर्व दिशा का ध्यान – इस दिशा का स्वामी सूर्य देवता को माना है। इस दिशा में वास्तु दोष होने से परिवार में अशांति का माहौल बनता है और तरक्की रूक जाती है। इसके अलावा वंश की वृद्वि नहीं हो पाती है। पूर्व दिशा में सूर्य की आने वाली रोशनी में कोई बाधक वस्तु नहीं होनी चाहिए और घर में इस दिशा में खिडकियां होनी चाहिए जिससे रोशनी व हवा आने से सकारात्मकता का वातावरण बना रहे।
वास्तुदोष निवारक यंत्र की स्थापना – घर में कई तरह के वास्तु दोषों के नकारात्मक प्रभाव को पूरी तरह खत्म करने के लिए वास्तु दोष निवारण यंत्र की विधिपूर्वक स्थापना व पूजा करनी चाहिए जिससे सकारात्मक परिणाम मिलते है।
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