अदालतों में न्यायधीश होते हैं, वो सबूतों के आधार पर न्याय करते हैं। लेकिन धरती पर विचरण करने वाले एक ऐसे न्यायधीश भी हैं जो कर्मों को देखकर न्याय करते हैं और वो न्यायधीश हैं शनिदेव। शनिदेव आपके कर्मों को देखकर मुकदमा चलाते हैं और उसी के हिसाब से इंसान को अपने कर्मों की सज़ा मिलती है। शनिदेव की महिमा का बखान जितना करें कम है। क्योंकि शनिदेव ही न्यायधीश हैं व कर्मों के जगदीश हैं। आप जैसा कर्म करते हैं शनिदेव वैसा ही फल आपको देते हैं। अगर आपने कर्म बुरे किए हैं तो उसका परिणाम भी बुरा ही मिलेगा लेकिन अगर आपके कर्म उत्तम हैं तो शनिदेव आपको खुशियों से मालामाल कर देंगे। तो आईए जानते हैं जीवन में शनिदेव की क्या भूमिका है और क्यों चढ़ाया जाता है इन्हें तेल।
जीवन में शनि की भूमिका
- शनिदेव ग्रहों में न्यायकर्ता माने जाते हैं।
- आपके कर्म और उसके फल के पीछे शनि ही हैं।
- व्यक्ति की आजीविका, रोग और संघर्ष शनि देव द्वारा ही निर्धारित होता है।
- शनि को प्रसन्न करके जीवन के कष्टों को कम कर सकते हैं।
क्यों चढ़ाते हैं तेल
शास्त्रों के अनुसार रामायण काल में एक बार शनिदेव को अपने बल व पराक्रम पर घमंड हो गया था। शनि ने बजरंग बली को युद्ध के लिए ललकारा था और हनुमान जी द्वारा लाख समझाए जाने पर भी युद्ध करने के लिए अड़े रहें। फिर इस युद्ध में वीर हनुमान द्वारा किए गए प्रहारों से शनिदेव के पूरे शरीर में पीड़ा हो रही थी। इस पीड़ा को दूर करने के लिए पवनपुत्र ने शनि को तेल दिया जिसे लगाते ही शनि की सारी पीड़ा दूर हो गई। तभी से शनि को तेल अर्पित करने की परंपरा शुरू हुई।
इन उपायों से होंगे प्रसन्न शनि
- रत्नों में जलीय या वायु तत्व के रत्न धारण करना श्रेष्ठ है।
- शनि के उसी मंदिर में पूजा करें जहां वो शिला रूप में हों।
- प्रतीक रूप में शमी या पीपल के वृक्ष की आराधना करें।
- ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप रोज शाम को करें।
यह संसार कर्म प्रधान है, आपके जीवन में जो कुछ भी घटता है वो आपके कर्मों की माया है। इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है।
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