वास्तु अनुसार फिश एक्वेरियम रखने पर मिलती है सफलता और तरक्की

घर की सजावट के दौरान फिश एक्वेरियम का उपयोग किया जाता है। अगर घर में वास्तुशास्त्र नियम अनुसार फिश एक्वेरियम रखे तो जीवन में सफलता और उन्नति की राह भी खुलती है और खुशहाली का संचार होता है। इसे घर या कार्यालय में सही दिशा में रखना चाहिए और सावधानियां भी बरतनी चाहिए। जानें, इस बारे में प्रमुख बातें –

फिश एक्वेरियम रखने के नियम

घर या ऑफिस में वास्तु सिद्वांत अनुसार सही दिशा में फिश एक्वेरियम स्थापित करना चाहिए तभी इससे लाभ मिलते हैं। इसे पूर्व,उत्तर या उत्तर—पूर्व दिशा में रखना चाहिए।एक्वेरियम को कमरे के बीचों बीच नहीं लगाना चाहिए बल्कि दीवारों के कोने में रखना चाहिए जहां से हवा व प्रकाश आ रही हो।

फायदे

जिस जगह फिश एक्वेरियम रखा जाता है वहां नेगेटिव एनर्जी दूर होकर पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है। एक्वेरियम में रखी हुई मछलियां शुभता का प्रतीक होती है। धार्मिक मान्यता है कि मछली पालने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है जिससे धन संबंधित परेशानियां दूर होती है।

मछलियों की संख्या

एक्वेरियम में 9 की संख्या में ही मछली रखनी चाहिए जिसमें 8 मछलियां लाल अथवा सुनहरे रंग की और इनमें एक काली मछली जरूर रखनी चाहिए। अगर कोई मछली मर जाती है तो उसकी जगह तुरंत दूसरी मछली उसी रंग की रख देनी चाहिए। यदि मछली मरती है तो दुखी नहीं होना चाहिए क्यों कि यह मरने पर अपने साथ घर पर आने वाली परेशानियों को साथ ले जाती है।

इस जगह नहीं रखें

एक्वेरियम को किचन और बेडरूम में बिल्कुल नहीं रखना चाहिए अन्यथा धन व स्वास्थ्य की हानि होती है।

पंच तत्व

एक्वेरियम में पंच तत्वों का संतुलन बनता है जिसमें जल तत्व के रूप में पानी,कंकड,मिट्टी के रूप में थल तत्व,अग्नि तत्व के रूप में रोशनी और वायु तत्व के रूप में वायु मौजूद रहती है। पंच तत्वों के इस संतुलन से मानसिक शांति व खुशहाली का वातावरण रहता है।

एक्वेरियम की देखभाल घर के एक सदस्य द्वारा ही करनी चाहिए। इस तरह एक्वेरियम रखने पर जीवन में शुभ परिणाम मिल सकते हैं और तरक्की की राह खुलती है।

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