वास्तुविज्ञान (vastu shastra tips for education) दिशाओं की उर्जा संतुलन का विज्ञान है। वास्तु शास्त्र में दस दिशाएं मानी गई है। इन सभी दिशाओं के अलग-अलग स्वामी है। वास्तु शास्त्र को हम भवन निर्माण से जुड़ा विज्ञान भी कह सकते हैं। घर के ऊपर इन सभी दिशाओं से आने वाली उर्जा का असर भी पड़ता है। स्पष्ट है कि इससे घर में रहने वाले लोगों पर भी इस उर्जा का असर पड़ेगा। आसान वास्तु टिप्स (vastu shastra tips for education) से आप अपने घर के वास्तु दोषों को दूर कर सकते हैं
घर में अगर वास्तुदोष है तो उस घर के सदस्यों के करियर और स्वभाव पर भी उसका प्रभाव पड़ता है। बच्चों की शिक्षा के लिए घर के वास्तु का ठीक होना आवश्यक है। अगर बच्चों की पढाई का कमरा वास्तु के अनुसार नहीं होगा तो जाहिर सी बात है उनकी पढाई पर असर पड़ेगा। इससे उनके ध्यान पर असर पड़ेगा और अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। पढाई और कलात्मक गतिविधियों के लिए मानसिक रूप से शांत और हल्का वातावरण होना आवश्यक है। वास्तुदोष होने की स्थिति में घर का वातावरण भारी बन जाता है जिससे मन, बुद्धि पर असर पड़ता है। छात्रों के प्रयासों के अनुरूप परिणाम नहीं मिल पाते ,
वास्तु टिप्स (vastu shastra tips for education) से आप इन परेशानियों का समाधान पा सकते हैं।
सब तरफ बढती प्रतिस्पर्धा ने छात्रों के मन में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है । ऐसे में धैर्य और मन का संतुलन बनाये रखना जरूरी है। परीक्षा के समय अगर मानसिक तनाव रहता है तो साल भर की मेहनत पर पानी फिर जाता है। हमारी पढाई में वास्तु का भी गहरा योगदान होता है। किस तरफ मुहं करके पढना चाहिए। घर का वातावरण कैसा होना चाहिए आदि आदि सारी बातें हमारे करियर और पढाई पर सीधा असर डालती है।
कुछ बातें जो सामान्य तौर पर हमें ध्यान रखना आवश्यक है :
- माता सरस्वती विद्या की देवी है इसलिए बच्चों के परीक्षा परिणाम में कोई परेशानी आ रही है तो हो सकता है आपके सरस्वती के स्थान में दोष हो । सरल वास्तु के विशेषज्ञ (vastu shastra tips for education) सरस्वती स्थान का विश्लेषण करेंगे और आपको समाधान बताएंगे
- अगर बच्चा बिस्तर पर बैठ कर पढाई करता है तो उसे ऐसा नही करने दें। इससे गंभीरता कम होती है जिसका सीधा असर पढ़ी हुई बातों का याद नहीं होना जैसी समस्याओं के रूप में होता है ।
- पढ़ाई का कमरा पूर्व या उत्तर दिशा या फिर ईशान कोण में होने से सूर्य, बुध एवं गुरू ग्रह की कृपा प्राप्त होती है। छात्रों के लिए और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
- कोशिश करें कमरे में सूर्य का सीधा प्रकाश आये। यदि सूर्य की किरणें स्टडी रूम तक ना आ पायें तो भी सुबह और शाम खिड़की-दरवाजे खोलकर रखें। इससे सकारात्मक उर्जा बनती है जो अध्ययन के लिए उत्तम वातावरण बनती है।
- स्टडी रूम में विद्या की देवी सरस्वती का चित्र लगायें। सुबह-शाम ‘ॐ ऐं हीं सरस्वत्यै नमः’ का जाप करें और कुशाग्र बुद्धि के लिए प्रार्थना करें।
- स्टडी रूम की दीवारों का रंग हलका हरा हो तो भी ये लाभकर होगा। इससे एकाग्रता और चुस्ती बनी रखती है।
- बीम या दुछत्ती के नीचे पढाई करने से मन भटकता है। इन जगहों पर न तो सोना चाहिए और न ही पढना चाहिए। ये नकारात्मक उर्जा को बढाती है।
वास्तु अनुरूप चीजें होने से आपकी स्मरण शक्ति व बुद्धि में वृद्धि होगी। नकारात्मक विचार दूर होंगे जाएगी। अतः कुछ सरल वास्तु टिप्सों को अपनाकर हम अपने अध्ययन कक्ष को वास्तु के अनुकूल और सकारात्मक बना सकते हैं। आप हमारे
ज्योतिष और वास्तु विशेषज्ञ (vastu shastra tips for education) से परामर्श भी प्राप्त कर सकते हैं।