ज्योतिष व वास्तु शास्त्र में कछुए का बहुत महत्व है। कछुए की मौजूदगी सकारात्मक ऊर्जा के स्तर को बढाती है इसलिए आज के समय में कई लोग भाग्य वृद्धि के लिए कछुए की अंगूठी पहनना पसंद करते हैं लेकिन कछुए की अंगूठी को सही विधि व नियम अनुसार पहना जाए तभी लाभ मिलते हैं अन्यथा नुकसान भी उठाने पड सकते हैं। जानें,कछुए की अंगूठी पहनने की क्या है विधि व लाभ
ये हैं प्रमुख लाभ —
- कछुए वाली अंगूठी को बेहद शुभ माना है। इस अंगूठी को सही विधि व नियम अनुसार धारण करने से इंसान के जीवन में बाधाओं व दोषों की शांति होती है और धैर्य और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।
- कछुआ लंबी आयु जीने वाला जीव है इसलिए इसकी अंगूठी धारण करने से व्यक्ति की भी आयु भी बढ़ती है और हमेशा सेहत स्वस्थ रहती है।
- कार्यो में उन्नति व सफलता का योग बनता है और सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
अंगूठी पहनने का सही नियम —
- अंगूठी को चांदी की धातु से ही बनवाना चाहिए और दाएं हाथ में पहनना चाहिए। अंगूठी में कछुए के सिर वाला हिस्सा पहनने वाले व्यक्ति की ओर रहना चाहिए।
- कछुए को भगवान विष्णु का अवतार माना है इसलिए इसे धन की देवी लक्ष्मी से भी संबंधित किया है।
- लक्ष्मी जी के वार शुक्रवार को अंगूठी पहनने का बडा महत्व है जिससे धन संबंधित समस्याएं दूर होती हैं।
इस विधि से धारण करें अंगूठी — शुक्रवार को कछुए की अंगूठी खरीद कर घर लाकर दूध,पानी में धोकर शुद्व कर लेना चाहिए। इसके बाद लक्ष्मी जी की तस्वीर या मूर्ति के सामने घी का दीपक जला कर और लक्ष्मी मंत्र का जाप करने के बाद सीधे हाथ की मध्यमा ऊँगली में पहन लेना चाहिए।
इस बात का रखें विशेष ध्यान — ज्योतिषशास्त्र अनुसार मेष, कन्या, वृश्चिक और मीन राशि के लोगों को कछुए की अंगूठी धारण नहीं करनी चाहिए। मान्यता है कि इन राशियों लोगों द्वारा इस अंगूठी को धारण करने पर नकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
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