समस्त देवी-देवताओं में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना गया है और गणेश जी की पूजा अराधना से जीवन के समस्त संकट शीघ्र दूर होने लगते हैं। गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म का प्रमुख त्यौहार होता है और इस दिन गजानन की विशेष पूजा अर्चना व व्रत किया जाता है लेकिन कई लोगों को पता नहीं होता है कि गणेश चतुर्थी का त्यौहार मनाने की वजह क्या है और इस दिन किस तरह गणेश जी की विशेष पूजा अर्चना कर उन्हें प्रसन्न किया जाए। जान लीजिए इस त्यौहार कि प्रमुख खास बातें क्या है।
गणेश चतुर्थी 2019
तिथि | सोमवार, 2 सितंबर 2019 |
मध्याह्न गणेश पूजा | 11:05 से 13:36 |
चंद्र दर्शन से बचने का समय | 08:55 से 21:05 (2 सितंबर) |
चतुर्थी तिथि आरंभ | 04:56 (2 सितंबर) |
चतुर्थी तिथि समाप्त | 01:53 (3 सितंबर) |
गणेश चतुर्थी मनाने की यह है वजह – गणेश चतुर्थी पर्व को धूमधाम से मनाने के पौराणिक कारण जुडे हुए हैं। शिवपुराण के अनुसार एक बार माता पार्वती ने स्नान करने से पहले अपने मैल से एक बालक को उत्पन्न किया और अपनी सुरक्षा के लिए द्वार पर तैनात किया था। कुछ समय बाद जब भगवान शिवजी ने अंदर प्रवेश करना चाहा तो उस बालक ने तुरंत रोक दिया जिस पर शिव के गणों ने उस बालक से युद्ध किया लेकिन उस बालक को पराजित नहीं कर सके और अंत में खुद भगवान शिव ने क्रोधित होकर अपने त्रिशूल से उस बालक का सिर काट कर अलग कर दिया।
बाद में यह देख कर माता पार्वती क्रोधित हो उठी और देवी की गुस्सा को शांत करने के लिए शिवजी के निर्देश पर विष्णु भगवान सर्व प्रथम पहले मिले जीव यानि हाथी का सिर काट कर लेकर आ गए तब शिव जी ने गज के उस सिर को बालक के धड पर स्थापित कर बालक को पुनर्जीवित कर दिया और देवी पार्वती की गुस्सा शांत हुई। इस दौरान माता पार्वती,भगवान शिव ने उस बालक को गणेश नाम से संबोधित किया और सभी देवी देवताओं में प्रथम रूप से पूजा की जाने का आशीर्वाद उन्हें दिया।
गणेश चतुर्थी व्रत का यह है महत्व – गणेश जी की पूजा व गणेश चतुर्थी मनाने का विशेष धार्मिक महत्व है जिससे व्रत व पूजा करने वाले व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी विध्न बाधाएं दूर हो जाती हैं और जीवन की मनोकामनाएं भी शीघ्र पूर्ण होने लगती हैं।
गणेशोत्सव – गणेश चतुर्थी का यह उत्सव भारत में कई जगहों पर दस दिनों तक आयोजित होता है इसलिए इसे गणेशोत्सव भी कहा जाता है।
- ज्योतिष शास्त्र में भी गणेश जी को बुध ग्रह व हरे रंग से संबंधित किया गया है और इसी प्रकार केतु ग्रह से भी संबंधित किया गया है इसलिए केतु ग्रह से परेशान जातकों को गणेश जी की पूजा अराधना करने की सलाह दी जाती है।
- धर्म ग्रंथ अनुसार भगवान गणेश को गणों का स्वामी माना गया है इसलिए इन्हें गणपति संबोधित किया जाता है।
- गणेश जी की पूजा से ऋण मुक्ति होती है और जीवन में संतान प्राप्ति,धन व नौकरी,व्यवसाय हासिल करने के लिए गणेश जी के विशिष्ट मंत्रों का जाप किए जाने पर शीघ्र परिणाम मिलने लगते हैं।