आज के समय में घर की सजावट पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। मगर सजावट के दौरान वास्तु नियमों को अनदेखा कर दिया जाता है जिससे घर की सकारात्मक ऊर्जा चली जाती है और वास्तुदोष बनने से मुसीबतों का आना शुरू होता है।
घर की सजावट के दौरान वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन जरूर करना चाहिए तभी सुख—शांति लंबे समय तक बनी रह सकती है। जानिये,सजावट के समय किन वास्तु नियमों का पालन किया जाए।
- घर में सजावट के दौरान ज्यादातर पेंटिंग लगाई जाती हैं। अगर घर में उगते हुए सूर्य की पेंटिंग लगा रहे हैं तो इसे पूर्व दिशा में ही लगाया जाए जिससे घर में सुख-शांति बनी रहेगी और सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि भी होती है।
- घर में ओम, स्वस्तिक या अन्य कोई शुभ प्रतीक चिह्न वाली पेंटिंग या फोटो को उत्तर-पूर्व कमरे की पूर्व दिशा में लगाया जाना चाहिए।
- शयन कक्ष की दीवारों पर रंग हल्का रंग ही करवाना चाहिए और लाल,काले जैसे गहरे रंगों को नहीं करवाना चाहिए क्यों कि इन रंगों से अशांति व रिश्तों में तनाव बढता है।
- शयन कक्ष में मन लुभाने वाली या बच्चों की तस्वीर,पेंटिंग लगाई जा सकती है।
- बेडरूम में भूलकर भी देवी—देवता की तस्वीर,पेंटिंग, अस्त होते सूर्य, डूबते जहाज, युद्ध का दृश्य जैसी पेंटिंग नहीं लगाये अन्यथा तनाव बढने की आशंका बनती है।
- कमरों में सजावट के दौरान धातु के हाथी व ऊंट उपयोग में लिए जा सकते हैं। वास्तु अनुसार हाथी सुख—समृद्धि का प्रतीक है और ऊंट करियर की राह में आ रही रूकावटों को दूर करने का सकारात्मक संदेश देता है।
- सजावट के दौरान हमेशा ताजा फूलों का ही उपयोग किया जाना चाहिए तभी सकारात्मकता का संचार होता है।
- सजावट के लिए विंड चाइम्स को भी लगाया जा सकता है और इसकी मधुर ध्वनि से सकारात्मकता का संचार होता है जिससे घर में सुख—समृद्वि भी प्रवेश करती है।
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