पन्ना बुध ग्रह का चमत्कारिक रत्न है। ज्योतिषीय सलाह के बाद पन्ना धारण करने पर करियर व सेहत को कई फायदे मिलते हैं मगर इसे नियम अनुसार ही पहनना चाहिए अन्यथा नुकसान भी उठाना पड सकता है। जानें,इस रत्न को पहनने की विधि, सावधानियां और मिलने वाले प्रमुख लाभ
बुध के शुभ फल
बुध ग्रह वाणी व व्यापार का कारक होता है। पन्ना पहनने पर बुध ग्रह के पॉजिटिव परिणाम मिलते हैं और वाणी में निपुणता और बिजनेस में सफलता की राह खुलती है।
स्मरण शक्ति की मजबूती में सहायक
जिन लोगों को स्मरण शक्ति कमजोर होने की वजह से भूलने की आदत होती है उन्हें पन्ना रत्न धारण करने से विशेष लाभ मिलता है और याददाश्त तेज होती है। छात्रों को अध्ययन के दौरान भूलने की आदत से बचने के लिए अपनी कुंडली विश्लेषण करवाने के बाद पन्ना रत्न धारण करना चाहिए।
सर्प भय दूर करें पन्ना
जिन लोगों के मन में हमेशा सर्प का भय बना रहता है उन्हें पन्ना पहनने पर सर्प का भय दूर होता है।
गंभीर बीमारियों से बचाव
पन्ना रत्न ह्रदय रोग, त्वचा रोग,मिर्गी,अस्थमा और डिप्रेशन,अनिद्रा जैसे रोगों से बचाव करने में मदद करता है।जिन लोगों का हाजमा खराब रहता हैं उन्हें पन्ना पहनने पर लाभ मिलता है।
भाषण योग्यता में वृद्धि
पन्ना पहनने से भाषण कला योग्यता में वृद्धि और भावनाएं नियंत्रित होती हैं। गणना करने,बोलने और लिखने जैसे कार्य करने वाले लोगों को पन्ना पहनने पर विशेष लाभ मिलते हैं।
पन्ना पहनने के दौरान सावधानियां
पन्ना धारण करने के बाद जल्दी ही अपना असर दिखाता है इसलिए इस रत्न को पहनने से पहले अनुभवी ज्योतिषी की सलाह अवश्य लेनी चाहिए और अपनी जन्म पत्रिका का विश्लेषण भी करवा लेना चाहिए अन्यथा जल्दीबाजी और बिना ज्योतिषीय मागदर्शन के इस रत्न को धारण करना घातक भी हो सकता है।
- जिन लोगों की जन्म कुंडली में बुध ग्रह 6,8 व 12 वें भाव का स्वामी हो उन्हें पन्ना रत्न नहीं पहनना चाहिए अन्यथा अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।
- कुंडली में बुध अगर शुभ भाव का स्वामी हो तभी यह रत्न धारण करना फायदेमंद होता है हालांकि बुध की मिथुन तथा कन्या राशि वालों के लिए यह रत्न शुभ परिणाम प्रदान करता है।
व्यापार में सफलता
बुध ग्रह व्यापार का कारक होता है इसलिए बिजनेस में तरक्की व अनुकूल परिणाम हासिल करने के लिए ज्योतिषीय सलाह के बाद इस रत्न को पहना जा सकता है।
पन्ना पहनने का नियम
इस रत्न को बुधवार को सुबह स्नान कर व गणेश जी की पूजा पाठ के पश्चात शुभ मुहूर्त में ही विधिवत रूप से धारण करना चाहिए। पन्ना अच्छी क्वालिटी और उचित रत्ती का होना चाहिए तभी इस रत्न को पहनने का लाभ मिल सकता है।