हिन्दू धर्म में शादी दो आत्माओं का एक पवित्र बंधन है। विवाह के दौरान कई रस्में होती हैं और इन रस्मों का अलग महत्व होता है। इन रस्मों से वैज्ञानिक कारण भी जुडे हुए हैं इसलिए इन रस्मों को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। जानिये,शादी की कौन—कौन सी रस्मों का क्या वैज्ञानिक महत्व है।
हल्दी की रस्म — विवाह के दौरान सबसे प्रमुख रस्म हल्दी की रस्म होती है। इस रस्म में वर व वधू के शरीर पर हल्दी से बना लेप लगाया जाता है। चूंकि हल्दी में औषधीय गुण होते हैं इसकी वजह से यह त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद रहती है और त्वचा में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट करती है। हल्दी के उपयोग से त्वचा में नमी बनी रहती है।
अग्नि से वातावरण की शुद्धि — विवाह बंधन में बंधने से पहले वर व वधु पवित्र अग्नि के सात फेरे लेते हैं। फेरे के समय हवन की पवित्र अग्नि में लकडी,चावल,घी आदि चीजें विधिवत रूप से डाली जाती हैं जिससे इस दौरान उठने वाले धुएं से वातावरण शुद्ध होता है और नकारात्मक उर्जा भी नष्ट होती है।
मेंहदी की रस्म से तनाव में राहत — किसी भी शादी में मेंहदी की एक प्रमुख रस्म होती है और इस रस्म के पीछे भी वैज्ञानिक कारण जुडा है। दरअसल मेंहदी में औषधीय गुण होते हैं जिससे शरीर को फायदा मिलता हैं।
मेंहदी लगाने से शरीर को एक तरफ जहां ठंडक मिलती है तो दूसरी तरफ तनाव भी दूर होता है जिससे वर व वधु को विशेष लाभ मिलते हैं।
सिंदूर की रस्म से वधु को स्वास्थ्य लाभ — शादी के दौरान वर वधु की मांग में सिंदूर भरने की प्रमुख रस्म निभाता है। इस रस्म से पति की लम्बी उम्र के साथ पत्नी की सेहत भी संबंधित होती है। वैज्ञानिक महत्व के अनुसार सिंदूर में कुछ मात्रा में पारा,हल्दी,चूना व कुछ धातु मिली रहती हैं जो मस्तिष्क को ठंडक पहुंचाती हैं और तनाव में राहत मिलती है।
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