व्यक्ति को अपनी कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार ही व्यवसाय का चुनाव करना चाहिए। व्यवसाय के गलत चयन से असफलता का सामना करना पड जाता है इसलिए कुंडली में ग्रहों की स्थिति का पहले आंकलन करने के बाद व्यवसाय करने का निर्णय लेना चाहिए। तभी सफलता व तरक्की की राह आसान होती है।
व्यापार करने से पहले कुंडली में इन चीजों का अध्ययन जरूरी — कोई भी व्यवसाय करने से पूर्व अपनी जन्म कुंडली का अध्ययन करवा लेना चाहिए।
- किसी भी व्यवसाय में सफलता के लिए कुंडली में दशम भाव यानि कर्म स्थान,एकादश भाव अर्थात् आय का स्थान और व्यवसाय के कारक ग्रह बुध की स्थिति का निरीक्षण करना बेहद महत्वपूर्ण है।
- कुंडली में दशम भाव में एक से अधिक ग्रह होने की स्थिति में सबसे मजबूत ग्रह के अनुसार व्यापार का चुनाव कर सकते हैं।
- अगर दसवें भाव में कोई ग्रह नहीं हो तो ऐसी स्थिति में इस भाव के स्वामी की स्थिति के अनुसार भी संबंधित व्यापार करने का फैसला सही होता है।
- ज्योतिषशास्त्र में सप्तम भाव को साझेदारी का माना है इसलिए इस भाव में मित्र ग्रहों से संबंधित कार्य कर सकते हैं जिससे पार्टनरशिप में लाभ मिलता है।
- किसी भी प्रकार के बिजनेस में सफलता पाने के लिए कुंडली में शुभ योग का होना आवश्यक है इसलिए ग्रहों की दशा,महादशा की देखकर शुभ योग बनने पर व्यवसाय प्रारंभ करना चाहिए।
- कुंडली में मंगल ग्रह की मजबूती पर जमीन,प्रोपर्टी संबंधित व्यापार करने से लाभ मिलता है।
- शुक्र की शुभ व मजबूत स्थिति से सौंदर्य प्रसाधन,ज्वेलरी,सफेद वस्तु संबंधित व्यापार में सफलता मिलने की संभावनाएं बनती हैं।
उपाय — कुंडली में अशुभ ग्रहों की स्थिति को ठीक कर भी व्यवसाय में सफलता प्राप्त कर सकते है इसके लिए ज्योतिषीय सलाह अनुसार व्यापार संबंधित ग्रह के रत्न को पहना जा सकता है।
किसी भी व्यापार की सफलता में बुध ग्रह का प्रमुख स्थान होता है और इसके सकारात्मक प्रभाव पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा अराधना करना श्रेष्ठ उपाय है।
कुंडली संबंधित जानकारी के लिए पंडित पवन कौशिक से संपर्क करें: +91-9990176000