शास्त्रों के अनुसार हवन अथवा यज्ञ हिन्दू धर्म में शुद्धिकरण का एक कर्मकांड है। हर बड़े अनुष्ठान में हवन की धार्मिक परंपरा है, ज्योतिष के जानकारों की माने तो हवन के सुप्रभाव से इंसान ही नहीं बल्कि प्रकृति को भी लाभ मिलता है। हवन से दूर हो जाते हैं सभी कष्ट और होती है मां लक्ष्मी की कृपा साथ ही जाप और हवन से प्राप्त होती है ग्रहों की शक्ति। कोई ग्रह कमजोर पड़ रहा है, उसकी ऊर्जा क्षिण हो रही है तो उसकी नकारात्मकता का अंत हो जाता है। आर्थिक नुकसान, बीमारी या मानसिक परेशानी चल रही हो तो गृह शांति बहुत लाभ देती है। एक आस्था है कि हवन करने से भगवान प्रसन्न होंगे। लेकिन हवन इंसान की मुक्ति व उसका भाग्य होने के साथ ही उसके सेहत का भी ख्याल रखता है।
किस मुहूर्त में करें हवन
- वैसे तो हवन कभी भी कर सकते हैं लेकिन किसी भी मंगल कार्य के बाद हवन अवश्य करना चाहिए।
- एकादशी तिथि, प्रदोष तिथि, मास की शिवरात्रि जैसी शुभ तिथियों में हवन करने से शुभ फल मिलता है।
किन चीजों से करें हवन
- गाय का घी, जौ, काला तिल, गोबर, अक्षत, शक्कर, मेवा, लौंग, जायफ़ल, हवन की समिधा, शहद, पान का पत्ता, काजल, नारियल।
हवन की विधि
- हवन कुंड की दिव्य ढंग से रचना करें और हवन की परित पर ब्रह्मा, विष्णु, महेश के अनुसार काले, लाल और सफेद रंग से हवन कुंड को सजाएं।
- हवन कुंड में अग्नि की पूजा करें, इसके बाद अग्नि को आहुतियां दें
- अग्नि देव की पूजा के साथ ही हवन कुंड की पूजा का भी विधान है।
- हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित करने के पश्चात इस पवित्र अग्नि में फल, शहद, घी, काष्ठ इत्यादि पदार्थों की आहुति प्रमुख होती है।
- हाथ में जल और चावल लेकर संकल्प लेकर जिस भी मंत्र के सिद्ध के लिए आप हवन कर रहे हैं उसका जाप करें।
- पूर्ण आहुति के बाद यथाशक्ति दक्षिणा भगवान के पास रख दें, फिर परिवार सहित आरती करके अपने द्वारा हुए अपराधों के लिए क्षमा-याचना मांगे।
शास्त्रों में हवन का खास महत्व माना जाता है। अलग-अलग तरह से हवन करने से हर कष्ट दूर होंगे व मनोकामना भी होगी पूरी साथ ही यह घर के वातावरण को भी स्वच्छ कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इस तरह से आप भी हवन करवाएं घर और शरीर दोनों की होगी शुद्धि व जीवन में आएगी सुख और समृद्धि।
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