ज्योतिष शास्त्र में जातक के जीवन से सम्बंधित घटनाओं का परिकलन किया जाता है। इसके लिए जन्म के समय जन्म कुडंली का निर्माण द्वारा जिसके समय-समय पर विश्लेषण के द्वारा शुभ-अशुभ प्रभावों का अध्ययन कर निवारण के उपायों किये जा सकते हैं ।
कुंडली में कुछ ग्रहों की विशेष स्थितियों के कारण प्रभावी योग बनते हैं जो जातक के जीवन पर विशिष्ट प्रभाव डाल सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में वर्णित इन सब बातों का विज्ञान के साथ बहुत गहरा सम्बन्ध होता है जिन पर समय समय पर शोध होते रहते हैं। ऐसा ही एक योग है अंगारक योग
क्या है अंगारक योग ?
जातक की कुडंली में राहु अथवा केतु में से किसी एक के साथ मंगल ग्रह का संबंध बन जाए तो इस स्थिति में अंगारक योग का निर्माण हो जाता है, लेकिन इसके अशुभ फलादेश की स्थिति तब ही बनती है जब राहू या केतु अथवा दोनों ही अशुभ प्रभाव वाले स्थानों पर हो। शुभ स्थान पर होने की स्थिति में अधिक कुप्रभाव उत्पन्न नहीं होता।
जातक के जीवन पर अंगारक योग के प्रभाव :
अंगारक योग, जैसा नाम से ही अर्थ पैदा करता है अंगारों वाला अर्थात जातक के स्वभाव में अति उग्रता आती आ जाती है जो क्रोध का कारक होती है।
- जातक न्यायप्रिय होता है फिर भी उसको निर्णय लेने में कठिनाई होती है
- इसके शुभ प्रभावों में जातक सहयोगी स्वभाव वाला बन जाता है और साथ ही इस योग के प्रभाव में जातक सरकारी या प्रशासनिक अधिकारी बनता है
- इस योग के कारण क्रोध, अग्निभय, दुर्घटना, रक्त से संबंधित रोग और त्वचा से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं
- इस योग के शुभ प्रभाव में जातक अपने परिश्रम के बलबूते जीवन में प्रगति करता है और धन अर्जित करता है
अन्य अशुभ प्रभाव :
- जातक क्रोधी हो जाता है जिससे नकारात्मकता हावी हो जाती है जो दृष्टिकोण को लाभ के विपरीत बना देता है
- भाइयों, मित्रों और सगे-सम्बन्धियों से अनबन हो जाती है और जातक के जीवन में रोगादि भी प्रभावी हो जाते हैं
- व्यापार और वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है
- ऐसे जातक के ऊपर काले-जादू का शीघ्र प्रभाव होता है
(मेडिटेशन से इसमें लाभ मिलता है क्योंकि ध्यान योग से आपकी सकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है जो काले जादू के नकारात्मक असर को प्रभावी नहीं होने देता)
आइये जानते हैं क्या करें उपाय :
इस तरह की परेशानी में पहले तो किसी योग्य ज्योतिषी से अपनी कुडंली का विश्लेषण करवाएं जिसके बाद यह पता लग पायेगा की आपकी कुडंली में अंगारक योग का निर्माण हो रहा है या नहीं। इसके निवारण के उपायों में से कुछ उपाय नीचे बताये गए हैं।
- मंगलवार का व्रत करें और हनुमान जी की विशेष आराधना करें
- हनुमान जी हर प्रकार के ग्रह दोष का निवारण करते हैं इसलिए राहू, केतु और मंगल से सम्बंधित किसी भी दोष में भी हनुमान जी की पूजा विशेष तौर पर की जा सकती है
- शिव पुत्र भगवान कार्तिकेय की आराधना भी कर सकते हैं
- योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर राहु के बीज मंत्र का उच्चारण करें एवं राहू ग्रह शांति हेतु पूजा भी करवा सकते हैं
- मीठी रोटी आवारा कुत्तों को खिलाएं
- चांदी का पेन्डेट धारण करें
- देवी लक्ष्मी की आराधना करें
ये सब उपाय जातक को अंगारक योग के कुप्रभावों से बचाने के लिए है। इन उपायों से करने से पूर्व किसी अच्छे ज्योतिषाचार्य से कुंडली विश्लेषण के बाद परामर्श प्राप्त कर लेवें।