नवरात्रि यानि आदि शक्ति मां जगदम्बा की आराधना का पर्व। नवरात्रि के नौ दिनों में शक्ति के नौ अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है। इन नव शक्तियों का आव्हान करके हम अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। शिव की शक्तियों में उग्र और सौम्य दोनों तरह के रूपों को धारण करने वाली ये शक्तियां अनंत सिद्धियां प्रदान करने वाली होती हैं।
शारदीय और चैत्र नवरात्र हिन्दू धर्म में शक्ति की उपासना के विशेष पर्व माने जाते हैं। इन 9 दिनों में शक्ति का आव्हान विशेष पूजा पद्धतियों से किया जाता है। लेकिन शक्ति के आव्हान में कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना आवश्यक है जिनसे शुभ फल शीघ्र प्राप्त होता है.
घटस्थापना में इन 6 बातों का रखें ध्यान :-
1. माता दुर्गा की स्वर्ण, चांदी या ताम्र से बनी मूर्ति सबसे उत्तम मानी गई है। इनकी अनुपलब्धता होने पर मिट्टी की मूर्ति जिस पर रंग आदि किया गया हो स्थापित की जा सकती है ।
2. लाल रंग करें अर्पित : लाल वर्ण तेज,शौर्य और शक्ति का परिचायक है इसलिए देवी को लाल रंग के वस्त्र, रोली, लाल चंदन, सिंदूर, लाल साड़ी, लाल चुनरी, आभूषण तथा खाने-पीने के सभी पदार्थ जो लाल रंग के बने होते हैं वही अर्पित करें तो अच्छा प्रतिफल मिलता है।
3. इस श्लोक से करें प्रतिदिन पूजा :
या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
यह देवी की आराधना का सबसे आसान मन्त्र है जिसे प्रतिदिन स्मरण करना चाहिए।
4. पूजा स्थल पर पहले दिन ताम्बे या मिट्टी से बने कलश को स्थापित किया जाना चाहिए। जो एक ही जगह पर 9 दिनों तक स्थापित रहना चाहिए।
5. घटस्थापन की सामग्रियों में गंगाजल, मौली, रोली, चंदन, पान, सुपारी, नारियल, लाल कपड़ा, धूपबत्ती, घी का दीपक, ताजे फल, फल माला, बेलपत्रों की माला और एक थाली में साफ चावल भी लेवें।
6. घर के दरवाजे पर बंदनवार के लिए आम के पत्ते, मिट्टी का घड़ा, चंदन की लकड़ी, हल्दी की गांठ और 5 प्रकार के रत्न भी अवश्य रखें। देवी को स्नानादि करवाने के बाद आभूषण पहनाने चाहिए।