हिन्दू धर्म में नाग पंचमी पर्व का बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यता अनुसार इस दिन नाग की पूजा से जीवन में अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और परिवार में भी सुख—समृद्धि का आगमन होता है। हर वर्ष श्रावण माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पूरी श्रद्धा भावना के साथ नाग पंचमी मनाई जाती है। इस त्यौहार को मनाने के पीछे कई पौराणिक कारण भी जुडे हुए हैं।
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त 2019
तिथि | 5 अगस्त, 2019 (सोमवार) |
पूजा मुहूर्त समय | 05:44:27 से 08:25:27 तक |
श्रीकृष्ण ने कालिया नाग पर पाई थी विजय
धर्म शास्त्रों के अनुसार नागपंचमी के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने गोकुलवासियों को कालिया नामक नाग के आतंक से बचाया था। कथा अनुसार जब एक दिन बाल रूप में कृष्ण अपने मित्रों के साथ यमुना तट पर खेल रहे थे तभी उनकी गेंद नदी में जा गिरी थी जिसे बाहर निकालने के दौरान उसी समय कालिया नाग ने श्री कृष्ण पर आक्रमण कर दिया लेकिन कृष्ण ने कालिया नाग पर विजय पाई और नाग को यह कहते हुए श्री कृष्ण से क्षमा याचना मांगनी पडी कि वह पुन: कभी गाँव वालों को परेशान नहीं करेगा। तभी से इस कथा को जोडते हुए नागपंचमी पर्व मनाए जाने लगा है।
नागपंचमी पर पूजा विधि
नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी स्नान आदि के बाद किसी मंदिर में जाकर नाग देवता की तस्वीर या मिट्टी से बनी उनकी प्रतिमा पर दूध, धान, खील आदि पूजा सामग्री चढा कर पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन व्रत करने वाले व्यक्तियों को भूमि की खुदाई नहीं करनी चाहिए।
कालसर्प दोष में मिलती है राहत
इंसान की जन्म कुंडली में कालसर्प दोष होना चिंता का विषय होता है। इस दोष के नकारात्मक प्रभाव की वजह से जीवन में व्यक्ति को अपनी मेहनत के अनुसार उचित फल नहीं मिलता है और दुख:, संघर्ष में ही जीवन व्यतीत होता है इसलिए इस दोष की शांति कराना जरूरी हो जाता है।
अत: कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए नागपंचमी का दिन विशेष महत्व रखता है और किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य की सलाह के बाद विधिपूर्वक नाग देवता का पूजन किया जा सकता है और सार्मथ्यता के अनुसार दान भी किया जाना चाहिए।
सर्पदंश का भय दूर
नाग पंचमी के दिन सर्पों की विशेष पूजा अर्चना करने व कथा सुनने से सर्प दंश का भय भी दूर हो जाता है और नाग देवता की प्रसन्नता से जीवन में शांति, समृद्धि व सुरक्षा मिलती है।
साल में एक बार ही नागचन्द्रेश्वर महादेव के दर्शन
मध्यप्रदेश राज्य में उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर परिसर में वर्षों पुराना नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर स्थित है जिसे प्रतिवर्ष नागपंचमी के दिन ही दर्शनार्थियों के लिए खोला जाता है। इस मंदिर में नाग पर आसीन भगवान शिव व देवी पार्वती की सुन्दर प्रतिमा है और छत्र के रूप में नाग का फन फैला हुआ है। नाग पंचमी पर इस मंदिर में दर्शन कर नाग देवता की कृपा पाई जा सकती है।