राहु काल का मानव जीवन पर विशेष प्रभाव पडता है। मान्यता है कि इस निर्धारित समय के दौरान कोई नया व शुभ कार्य को शुरू करने की बजाय टाल देना सही निर्णय होता है। जानिये, क्या है राहुकाल और दैनिक जीवन में कब और किस तरह इसका असर रहता है।
ज्योतिषशास्त्र में राहु को छाया ग्रह माना है और राहु जीवन में ज्यादातर अपना नकारात्मक प्रभाव ही देता है। राहु के परिणाम अचानक प्राप्त होते हैं जिससे इंसान को सोचने—समझने का समय भी नहीं मिलता है। राहु काल के लिए रोज एक विशेष समय निर्धारित होता है और यह करीब एक से डेढ घण्टे के बीच होता है।
राहुकाल से इसलिए बनाते हैं दूरी — चूंकि राहु ज्यादातर नकारात्मक प्रभाव ही देता है इसलिए इस समय अवधि के दौरान कोई भी शुभ या नया कार्य प्रारंभ करना वर्जित माना है और ऐसा करने पर कार्यों में विध्न बाधा पडने की पूरी आशंका बनती है और कार्य की सफलता पर संदेह बना रहता है व अधिक मेहनत करनी पडती है इसलिए भूलकर भी राहु काल में कोई नया शुभ कार्य नहीं करते हुए दूरी ही बनाए रखनी चाहिए।
नया व मांगलिक कार्य करना वर्जित — राहु काल में राहु ग्रह का असर प्रभावी रूप से होता है इसलिए इस काल में नया और मंगलकारी कार्य नहीं करना चाहिए।हालांकि अगर कोई कार्य इस काल से पहले शुरू किया गया था तो राहु काल में वह कार्य जारी रखा जा सकता है।
स्थान और तिथि के अनुसार राहुकाल अलग-अलग होता है। राहुकाल हर वार को अलग अलग समय में शुरू होता है। ज्योतिष अनुसार राहुकाल की अवधि दिन के 8वें भाग के बराबर होती है।
राहुकाल समय — ज्योतिष मान्यता अनुसार राहुकाल रविवार को शाम करीब 4.30 से 6.00 बजे तक होता है।
सोमवार को सुबह 7.30 से 9 बजे तक, मंगलवार को दोपहर 3.00 से 4.30 बजे तक, बुधवार को दोपहर 12.00 से 1.30 बजे तक,गुरुवार को दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे से 12 बजे तक और शनिवार को सुबह 9 बजे से 10.30 बजे तक राहुकाल माना जाता है।
राहु काल में यह नहीं करें — राहुकाल में नया व्यापार का शुभारंभ नहीं करना चाहिए। इस दौरान नया सामान नहीं खरीदें और पुराने सामान की बिक्री नहीं करें। इस दौरान विशेष पूजा व हवन करना भी श्रेष्ठ नहीं माना है। इस काल में नई यात्रा की शुरुआत भी नहीं करनी चाहिए। राहुकाल में सगाई,फेरे या धार्मिक कार्य अथवा नए घर में प्रवेश भी नहीं करना चाहिए।
उपाय — अगर राहुकाल के समय कहीं बाहर जाना मजबूरी ही है तो रवाना होने से पहले दही, मीठा या पान खाकर ही निकलना चाहिए।
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