गणेश जी सभी देवताओं में हमेशा प्रथम पूज्य हैं। जीवन में विध्न-बाधाओं को दूर करने व बुद्धि देने वाले भगवान गणेश जी ही है। लेकिन क्या आपको पता है कि गणेश जी का हर अंग भी जीवन जीने की सकारात्मक प्रेरणा देता है जिससे उन्नति की जा सकती है।
मुहूर्त
तिथि | पूजा मुहूर्त समय |
13 सितंबर 2018,गुरूवार | 11:09 से 13:36 |
चंद्र दर्शन नहीं देखने की तिथि व समय
12 सितंबर, बुधवार | 16:07 से 20:40 बजे तक |
13 सितंबर,गुरूवार | 09:35 से 21:19 बजे तक |
जानिये,किस अंग का क्या महत्व है –
- गणेश जी का हर अंग भी सकारात्मक प्रेरणा देता है जिससे जीवन में उन्नति की जा सकती है।
- गणेश जी का मस्तक यानि सिर बडा होता है जिससे यह प्रेरणा मिलती है कि जीवन में व्यक्ति को हमेशा बडी सोच रखनी चाहिए तभी वह अपने क्षेत्र में सफल हो सकता है।
- गणेश जी की सूंड हमेशा हिल कर सक्रिय रहती है जिससे संकेत मिलता है कि इंसान को अपने जीवन में सक्रिय रहना चाहिए तभी वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। इसके साथ ही दाईं व बांईं ओर सूंड का भी जीवन में अलग अलग महत्व बताया गया है।
- गणपति की आंखे छोटी मानी गई हैं जिससे यह संकेत मिलता है कि इंसान को अपने जीवन में हर चीज का सूक्ष्मता से निरीक्षण कर ही निर्णय लेना चाहिए। मान्यता है कि इस इस तरह छोटी आंख वाले व्यक्ति चिंतनशील व गंभीर स्वभाव के माने गए हैं।
- गणेश जी का पेट बहुत बडा है इसलिए उन्हें लंबोदर भी कहा जाता है। बडा पेट खुशहाली का प्रतीक माना गया है और प्रेरणा मिलती है कि हमें बेड पेट की तरह सभी बातों को पचा कर सूझबूझ के साथ निर्णय लेना चाहिए।
- गणेश भगवान के इन अंगों से सकारात्मक प्रेरणाओं को अपने जीवन में शामिल कर हमेशा प्रसन्न व तरक्की के रास्ते पर आगे बढा जा सकता है।
- गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है और भारत के ज्यादातर राज्यों में मनाया जाता है।
महाराष्ट्र में इस पर्व को विशेष रूप से मनाया जाता है और करीब दस दिन तक गणेश महोत्सव चलता है।